Insurance Ombudsman
Insurance Ombudsman बीमा लोकपाल की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 95% स्वास्थ्य बीमा शिकायतें आंशिक या पूर्ण दावे की अस्वीकृति से संबंधित हैं। इस समस्या ने नवंबर से सुर्खियां बटोरीं, जब भारतीय बीमा दलाल संघ (आईबीएआई) ने बीमा कंपनियों के दावा निपटान का ट्रैक रिकॉर्ड जारी किया।
लोकलसर्किल्स के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, 50% पॉलिसीधारकों ने पिछले तीन वर्षों में आंशिक या पूर्ण दावों की अस्वीकृति का सामना किया। ‘अनुचित’ अस्पताल शुल्क, पहले से मौजूद बीमारियों का खुलासा न करना, और कमरे के किराए की उप-सीमाएं इसके प्रमुख कारण हैं।
बीमा कंपनियां अक्सर ‘उचित और प्रथागत शुल्क’ खंड का हवाला देकर दावे अस्वीकार करती हैं। यह खंड कहता है कि शुल्क उपचार के लिए प्रचलित मानकों के अनुरूप होना चाहिए। हालांकि, बीमाकर्ता अपनी लागत आकलन प्रणाली के आधार पर निर्णय लेते हैं, जिससे पॉलिसीधारकों को स्पष्टता की कमी महसूस होती है। उच्च अस्पताल दरें, भौगोलिक क्षेत्र, और उपचार की जटिलता जैसे कारक अस्वीकार किए गए दावों का हिस्सा बनते हैं।
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पहले से मौजूद बीमारियों के आधार पर दावों की अस्वीकृति भी एक बड़ा मुद्दा है। IRDAI के अनुसार, इन बीमारियों के लिए कवर एक निर्दिष्ट प्रतीक्षा अवधि (अधिकतम तीन वर्ष) के बाद ही मिलता है। अक्सर पॉलिसीधारकों द्वारा स्वास्थ्य स्थितियों का सही खुलासा न करने से दावे खारिज हो जाते हैं।
पॉलिसीधारकों को अपनी पॉलिसी की शर्तों को पढ़ना, सभी स्वास्थ्य स्थितियों का सही-सही खुलासा करना और कमरे के किराए जैसी उप-सीमाओं को समझना चाहिए। इसके अलावा, बीमाकर्ताओं से पारदर्शिता की मांग की जा रही है ताकि वे विभिन्न उपचारों के लिए ‘उचित’ लागत की सीमा स्पष्ट कर सकें। इससे दावों की अस्वीकृति कम हो सकती है और पॉलिसीधारकों का भरोसा बढ़ सकता है।
यदि आप अपने बीमा दावे पर बीमा कंपनी के निर्णय से असंतुष्ट हैं, तो आप सबसे पहले शिकायत निवारण अधिकारी (जीआरओ) को लिखित रूप से अपनी शिकायत दर्ज करें। इसके अतिरिक्त, IRDAI के बीमा भरोसा पोर्टल के माध्यम से भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।
यदि बीमाकर्ता 30 दिनों के भीतर आपकी शिकायत का समाधान नहीं करता है या संतोषजनक जवाब देने में विफल रहता है, तो आप अपने जिले के बीमा लोकपाल कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह नि:शुल्क है।
लोकपाल का उद्देश्य मामले को त्वरित और निष्पक्ष तरीके से हल करना है। यदि लोकपाल को लगता है कि मामला मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाया जा सकता है, तो सभी पक्षों की लिखित सहमति प्राप्त करने के एक महीने के भीतर आदेश पारित किया जाएगा।
अन्य मामलों में, लोकपाल सभी आवश्यक दस्तावेज़ और जानकारी प्राप्त होने के तीन महीने के भीतर निर्णय पारित करेगा। इस प्रक्रिया से बीमाधारकों को उनकी शिकायतों का समाधान खोजने में सहायता मिलती है।
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