Question on humanity
Question on humanity कर्नाटक के कलबुर्गी में हत्या का एक घोटाला सामने आया है। यहां बेटे ने ही पिता के बीमा के लिए तैयार की ये खतरनाक साजिश रची। इस षडयंत्र की कहानी किसी भी तरह के बड़े षड्यंत्र से कम नहीं है। पुलिस भी कुछ महीने पहले अंधेरे में तीर चला रही थी, लेकिन मृत केस की फाइल होने से ठीक पहले पुलिस ने मृतक के बेटे को शक हुआ, पुलिस ने एक टीम से पूछताछ फिर से शुरू की तो कहानी का खुलासा हुआ।
महीनों तक पुलिस इस मामले में एक साधारण हिट और रन केस समझ रही थी, लेकिन जब चार्जशीट जमा करने का समय आया, तो पुलिस चकमा खा गई और सच्चाई सामने आ गई।
कलबुर्गी के बेनूर चौक पर 8 जुलाई 2024 को 62 वर्षीय कलिंगा राया की एक स्कूटी और ट्रेक्टर की भिड़ंत में मौत हो गई थी। वहीं उनके बेटे सतीश को मामूली चोटें आयी थीं। हादसे को लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी, लेकिन काफी समय पहले तक इस पर कोई पुष्टि नहीं हुई सतीश ने बयान नहीं दिया। जब दिया, तो वो पुलिस को संतोषजनक नहीं लगा। उसने कहा कि वो अपने पिता के साथ कर्ज चुकाने के लिए किसी से उधार लेने जा रहा था, लेकिन वो कौन लोग थे, इसका ठोस जवाब बेटे के पास नहीं था।
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जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ी, सतीश की गवाही ने शक को और गहराई से कर दिया। वो अचानक परिवार समेत कलबुर्गी से गायब हो गया। पुलिस को पता चला कि वह अपने पिता का होटल और घर बेचकर आंध्र प्रदेश चला गया। इसके साथ ही एक और खबर सामने आई, जिसमें बताया गया कि, सतीश ने अपने पिता के नाम पर 30 लाख रुपये के दो इंश्योरेंस लिए थे। 5 लाख की राशि पहले उसे ही मिल चुकी थी और 25 लाख की राशि चार्जशीट जमा होने के बाद मिलने वाली थी।
बाद में पुलिस ने सतीश को ढूंढ निकला और पूछताछ शुरू की। जो हकीकत सामने आई, उसने हैरान कर दिया। ये हादसा नहीं, बल्कि एक सुयोजनाबद्ध हत्या थी।
कलिंगा राया, जो कलबुर्गी के आदर्श नगर में होटल चलाते थे, कर्ज में डूबे हुए थे। उनके बेटे सतीश ने अपने दोस्त अरुण के साथ मिलकर उनकी हत्या की साजिश रची। अरुण ने सतीश को सलाह दी कि वह अपने पिता का बीमा कराये। इसके बाद, उन्होंने दो कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को हायर किया, राकेश और युवराज को 50,000 रुपये दिए।
8 जुलाई की शाम, तैशुदा समय और स्थान पर, अरुण के ट्रेक्टर से दोनों हत्यारों ने कलिंगा राया पर हमला किया। वो स्कूटी पर बैठे थे और सतीश के मूत्र विसर्जन के लिए वहां से दूर चला गया। सतीश ने खुद को सड़क पर टूटे हुए पत्थरों से ख़ुद को चोटें मार लीं, ताकि हादसे की कहानी को वास्तविक रूप से दिखाया जा सके।
कलिंगा राया की मृत्यु के बाद, सतीश को 5 लाख रुपये की बीमा राशि मिल चुकी थी, जिसमें से उसने साढ़े तीन लाख रुपये अरुण को दिए। 25 लाख रुपए की दूसरी राशि मिलने का इंतजार था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने केस का खुलासा कर दिया।
पुलिस ने सतीश, अरुण और दोनों कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को गिरफ्तार कर लिया है। कर्ज से उबरने के लिए एक बेटे ने अपने ही पिता की जान ले ली, हालांकि पुलिस की जांच में इस खतरनाक साजिश को नाकाम कर दिया।
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