Top 6 Critical Illness Health Policy
Top 6 Critical Illness Health Policy के अंतर्गत किसी गंभीर बीमारी का पता चलना न केवल शारीरिक रूप से दर्दनाक होता है, बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके परिवार पर भी इसका असर पड़ता है। इसके अलावा, गंभीर बीमारियों का उपचार आपके व्यापार, नौकरी और बचत पर कड़ा असर डालने वाला जाना जाता है। लेकिन जब आप अपने जीवन में स्वास्थ्य को पहले रखने का स्मार्ट विकल्प चुनते हैं, तो आप एक सुरक्षित और चिंता मुक्त जीवन के बारे में सुनिश्चित हो सकते हैं!
हार्ट अटैक
किडनी फेल हो जाना
कोमा में चले जाना
अंधापन
बहरापन
लकवा ग्रस्त होना
मेजर बर्न (शरीर का अत्यधिक जल जाना)
ब्रेन ट्यूमर
ब्रेन सर्जरी
ओपन चेस्ट सीएबीजी
अल्ज़ाइमर रोग
पार्किंसन रोग
ऑर्गन ट्रांसप्लांट, आदि
1) क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी काम कैसे करती है | 6) प्रारंभिक प्रतीक्षा अवधि |
2) कितनी गम्भीर बीमारियां कवर की जाती हैं | 7) पहले से मौजूद बीमारी के लिए प्रतीक्षा अवधि |
3) बीमा लेने के लिए प्रवेश आय्यु | 8) गम्भीर बीमारी स्वास्थ्य बीमा पात्रता |
4) बीमाकवर विकल्प | 9) आयकर में छूट |
5) सर्वाइवल पीरियड | 10) क्रिटिकल इलनेस हैल्थ पॉलिसी से सम्बंधित पूछे जाने वाले प्रश्न |
यदि किसी व्यक्ति के पास क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी है और पॉलिसी के सर्वाइवल पीरियड बीतने के बाद उस व्यक्ति को कोई गम्भीर बीमारी डाइयग्नोज़ होती है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को उसके द्वारा चुने हुए क्रिटिकल इलनेस बीमाकवर के बराबर राशि एकमुश्त दी जाती है।
6 बीमा संस्थाओं के क्रिटिकल इलनेस स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में मिलने वाले लाभों के अंतर को जानेंगे, जिन्हें जानकार हम यह निर्णय ले सकें हमारे लिए कौनसी क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी बेहतर है।
1) टाटा एआईजी क्रिटी मेडिकेयर इंश्योरेंस पॉलिसी
2) स्टार क्रिटिकल इलनेस मल्टीपे इंश्योरेंस पॉलिसी
3) निवाबूपा क्रिटिकेयर हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी
4) एचडीफसी एर्गो क्रिटिकल इलनेस प्लैटिनम इंश्योरेंस पॉलिसी
5) आईसीआईसीआई लोम्बार्ड क्रिटिशील्ड प्लस इंश्योरेंस पॉलिसी
6) आदित्य बिड़ला एक्टिव सिक्योर क्रिटिकल इलनेस प्लान
Top 6 Critical Illness Health Policy के अंतर्गत सभी बीमा संस्थाएं अपनी अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में अलग अलग और भिन्न भिन्न संख्याओं में गम्भीर बीमारियां कवर करती हैं। तालिका द्वारा जानें
टाटा एआईजी क्रिटी मेडिकेयर इंश्योरेंस पॉलिसी | 100 गम्भीर बीमारियां कवर की जाती हैं |
स्टार क्रिटिकल इलनेस मल्टीपे इंश्योरेंस पॉलिसी | 37 गम्भीर बीमारियां कवर की जाती हैं |
निवाबूपा क्रिटिकेयर हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी | 20 गम्भीर बीमारियां कवर की जाती हैं |
एचडीफसी एर्गो क्रिटिकल इलनेस प्लैटिनम इंश्योरेंस पॉलिसी | 15 गम्भीर बीमारियां कवर की जाती हैं |
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड क्रिटिशील्ड प्लस इंश्योरेंस पॉलिसी | 92 गम्भीर बीमारियां कवर की जाती हैं |
आदित्य बिड़ला एक्टिव सिक्योर क्रिटिकल इलनेस प्लान 3 | 64 गम्भीर बीमारियां कवर की जाती हैं |
सभी बीमा संस्थाएं अपनी अपनी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में प्रवेश आय्यु भिन्न भिन्न रखती हैं तालिका द्वारा जानते हैं
टाटा एआईजी क्रिटी मेडिकेयर इंश्योरेंस पॉलिसी | 18 वर्ष की आययु से 65 वर्ष की आय्यु तक |
स्टार क्रिटिकल इलनेस मल्टीपे इंश्योरेंस पॉलिसी | 18 वर्ष की आययु से 65 वर्ष की आय्यु तक |
निवाबूपा क्रिटिकेयर हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी | 18 वर्ष की आययु से 65 वर्ष की आय्यु तक |
एचडीफसी एर्गो क्रिटिकल इलनेस प्लैटिनम इंश्योरेंस पॉलिसी | 5 वर्ष की आययु से 65 वर्ष की आय्यु तक |
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड क्रिटिशील्ड प्लस इंश्योरेंस पॉलिसी | 3 माह की आययु के बच्चे से 65 वर्ष की आय्यु तक |
आदित्य बिड़ला एक्टिव सिक्योर क्रिटिकल इलनेस प्लान 3 | 18 वर्ष की आययु से 65 वर्ष की आय्यु तक |
बीमा लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति अपनी इच्छा व अपनी आर्थिक सामर्थता के अनुसार स्वयं के लिए बीमा कवर चुन सकता है तालिका द्वारा जानें
टाटा एआईजी क्रिटी मेडिकेयर इंश्योरेंस पॉलिसी | 5 लाख़ बीमाकवर से 2 करोड़ बीमाकवर तक |
स्टार क्रिटिकल इलनेस मल्टीपे इंश्योरेंस पॉलिसी | 5 लाख़ बीमाकवर से 25 लाख़ बीमाकवर तक |
निवाबूपा क्रिटिकेयर हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी | 3 लाख़ बीमाकवर से 3 करोड़ बीमाकवर तक |
एचडीफसी एर्गो क्रिटिकल इलनेस प्लैटिनम इंश्योरेंस पॉलिसी | 2.5 लाख़ बीमाकवर से 10 लाख़ बीमाकवर तक |
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड क्रिटिशील्ड प्लस इंश्योरेंस पॉलिसी | 5 लाख़ बीमाकवर से 40 लाख़ बीमाकवर तक |
आदित्य बिड़ला एक्टिव सिक्योर क्रिटिकल इलनेस प्लान 3 | 1 लाख़ बीमाकवर से 1 करोड़ बीमाकवर तक |
क्रिटिकल इलनेस हैल्थ पॉलिसी में ज़यादातर बीमा संस्थाएं सर्वाइवल पीरियड रखती हैं इसका अर्थ यह है कि क्रिटिकल इलनेस हैल्थ पॉलिसी लेने के बाद बीमाधारक को यदि कोई गंभीर बीमारी डाइयग्नोज़ होती है तो ऐसी स्थिति में बीमाधारक को जिस भी बीमा संस्था का बीमा लिया है उस बीमा संस्था के सर्वाइवल पीरियड को पूरा करना होता है अर्थात
बीमारी डाइयग्नोज़ होने के बाद उतने दिन तक बीमाधारक को जीवित रहने की शर्त को पूरा करना होता है। तालिका द्वारा जानें सर्वाइवल पीरियड
टाटा एआईजी क्रिटी मेडिकेयर इंश्योरेंस पॉलिसी | बीमारी डाइयग्नोज़ होने के बाद सर्वाइवल पीरियड 15 दिन कुछ अधिक प्रीमियम देकर सर्वाइवल पीरियड 7 दिन या 0 भी किया जा सकता है |
स्टार क्रिटिकल इलनेस मल्टीपे इंश्योरेंस पॉलिसी | बीमारी डाइयग्नोज़ होने के बाद सर्वाइवल पीरियड 15 दिन |
निवाबूपा क्रिटिकेयर हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी | बीमारी डाइयग्नोज़ होने के बाद सर्वाइवल पीरियड 15 दिन |
एचडीफसी एर्गो क्रिटिकल इलनेस प्लैटिनम इंश्योरेंस पॉलिसी | बीमारी डाइयग्नोज़ होने के बाद सर्वाइवल पीरियड 30 दिन कुछ अधिक प्रीमियम देकर सर्वाइवल पीरियड 15 दिन किया जा सकता है |
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड क्रिटिशील्ड प्लस इंश्योरेंस पॉलिसी | बीमारी डाइयग्नोज़ होने के बाद सर्वाइवल पीरियड 0 दिन |
आदित्य बिड़ला एक्टिव सिक्योर क्रिटिकल इलनेस प्लान 3 | बीमारी डाइयग्नोज़ होने के बाद सर्वाइवल पीरियड 15 दिन |
Top 6 Critical Illness Health Policy के अंतर्गत उक्त सभी स्वास्थ्य बीमा संस्थाओं द्वारा अपनी गम्भीर बीमारी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में 90 दिन की प्रारंभिक प्रतीक्षा अवधि दी गयी है।
इसका अर्थ है कि गम्भीर बीमारी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेने की तारीख़ से 90 दिनों के बाद गम्भीर बीमारी डाइयग्नोज़ होने पर ही बीमाधारक को चुने हुए बीमाकवर का लाभ मिलेगा।
यदि गम्भीर बीमारी बीमा पॉलिसी लेते समय व्यक्ति को कोई बीमारी है या पिछले कुछ वर्षों में कोई बीमारी हुई थी।
मूलतः उस ही बीमारी से सम्बंधित कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो उस गम्भीर बीमारी के लिए बीमाधारक को चुने हुए बीमाकवर का लाभ 4 वर्ष के बाद मिलेगा। उक्त सभी स्वास्थ्य बीमा संस्थाओं में।
गम्भीर बीमारी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी व्यक्ति को उसकी सालाना आय के आधार पर दी जाती है।
यदि वह व्यक्ति वेतनभोगी है अर्थात किसी संस्था में काम करता है जहां माह के अंत में उसे रूपए मिलते हैं तो उसकी सालाना आय का 12 गुना तक गम्भीर बीमारी स्वास्थ्य बीमाकवर दिया जा सकता है।
यदि वह व्यक्ति स्वनियोजित है अर्थात उसका स्वयं का व्यापार है तो उसकी सालाना आय का 15 गुना तक गम्भीर बीमारी स्वास्थ्य बीमाकवर दिया जा सकता है।
व्यक्ति गम्भीर बीमारी स्वास्थ्य बीमा ले रहा है यदि वह आयकरदाता है तो उस व्यक्ति को आयकर की धारा 80D के तहत आयकर में छूट भी मिलेगी।
प्रश्न 1) क्रिटिकल इलनेस हैल्थ पॉलिसी और साधारण हैल्थ पॉलिसी में क्या अंतर है ?
उत्तर ) क्रिटिकल इलनेस हैल्थ पॉलिसी केवल आपकी गंभीर बीमारी के लिए एकमुश्त, जितना बीमाकवर आपने चुना है उतनी राशि देगी।
जबकि साधारण हैल्थ पॉलिसी आपकी किसी भी बीमारी के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर, जितना बीमाकवर आपने चुना है उतनी राशि तक उपचार का खर्च अस्पताल में देने को बाध्य है।
प्रश्न 2) क्रिटिकल इलनेस हैल्थ पॉलिसी में सर्वाइवल पीरियड क्यों दिया जाता है ?
उत्तर ) सर्वाइवल पीरियड इसलिए दिया जाता है क्रिटिकल इलनेस हैल्थ पॉलिसी में क्यूंकि क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी बहुत ही कम कीमत में बहुत बड़े बीमाकवर की राशि एकमुश्त देती है जिससे की कोई भी व्यक्ति क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी का गलत फ़ायदा न ले सके।
प्रश्न 3) क्या क्रिटिकल इलनेस हैल्थ पॉलिसी को परिवार सहित लिया जा सकता है ?
उत्तर ) नहीं, क्यूंकि क्रिटिकल इलनेस हैल्थ पॉलिसी में बीमाकवर की राशि बीमाधारक को एकमुश्त दी जाती है इसलिए इस पॉलिसी को व्यक्तिगत ही ले सकते हैं।
प्रश्न 4) यदि मेरे पास पहले से ही स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है तो क्या मै क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी भी ले सकता हूँ ?
उत्तर ) जी हाँ , यदि आपके पास पहले से ही स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है तब भी आप अपने लिए क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी ले सकते हैं क्यूंकि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी होस्पिटलिज़ेशन पॉलिसी है यहां उपचार का ख़र्च अस्पताल को दिया जाता है। जबकि
क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी इंडेमिनिटी पॉलिसी है यहां गंभीर बीमारी के उपचार के लिए ख़र्च बीमाधारक को दिया जाता है।
प्रश्न 5) क्या मुझे गंभीर बीमारी पॉलिसी को लेने की ज़रुरत है ? बीमाकवर राशि कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर ) जी हाँ , आपको गंभीर बीमारी पॉलिसी को लेने की ज़रुरत है क्यूंकि प्रतिवर्ष बिमारियों के उपचार का ख़र्च की कीमत बढ़ती जा रही है। जबकि एक आम व्यक्ति अपने घर ख़र्च को ही नहीं वहन कर पा रहा है क्यूंकि एक बीमारी के उपचार का ख़र्च व्यक्ति की जीवन भर की बचत को प्रभावित करता है।
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