The doors of 100% FDI can be opened in India this winter 2024 भारत सरकार का बीमा क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने का कदम, बीमा उद्योग के लिए एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव है। यह निर्णय न केवल वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे बीमा कवरेज को बढ़ावा देने और उद्योग में नवाचार को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।। यह कदम, आगामी बीमा संशोधन विधेयक का हिस्सा है, जो एजेंटों को कई कंपनियों की पॉलिसियां बेचने की भी अनुमति देगा, जिससे बाजार की दक्षता और उपभोक्ता की पसंद बढ़ेगी। आइए, इस फैसले के प्रभाव और महत्व पर विस्तार से चर्चा करें
बीमा कवरेज का विस्तार
भारत में बीमा की पैठ अभी भी बहुत कम है, और सरकार का उद्देश्य 2047 तक “सभी के लिए बीमा” के लक्ष्य को प्राप्त करना है। 100% FDI की अनुमति देने से बीमा कंपनियों के पास पूंजी का एक बड़ा स्रोत आएगा, जिससे वे:
ग्रामीण क्षेत्रों और निम्न आय वर्ग में अपनी बीमा सेवाएं बेहतर तरीके से पहुंचा सकती हैं।
नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके बीमा उत्पादों को सुलभ और सस्ती बना सकती हैं।
माइक्रो-बीमा और सस्ती स्वास्थ्य बीमा योजनाओं जैसे नए उत्पादों को विकसित कर सकती हैं, जो आम आदमी के लिए किफायती और सुलभ होंगे।
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नियामक दृष्टिकोण और दीर्घकालिक दृष्टि
- भारतीय सरकार ने इस कदम को एक मजबूत नियामक ढांचे के भीतर लिया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि विदेशी निवेशकों का योगदान बीमा कंपनियों को स्थिरता, पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान करे। IRDAI (भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण) का मजबूत नियंत्रण और विदेशी निवेशकों के लिए विशेष दिशा-निर्देश यह सुनिश्चित करेंगे कि बीमा उद्योग में निवेश सुरक्षित और नियमन के तहत हो।
- भारत सरकार बीमा व्यवसायों में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देकर बीमा उद्योग में व्यापक बदलाव लाने की तैयारी कर रही है,TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार। यह संभावित ऐतिहासिक कदम वैश्विक खिलाड़ियों के लिए स्वतंत्र रूप से बाजार में प्रवेश करने के दरवाजे खोलेगा, साथ ही व्यक्तिगत बीमा एजेंटों को कई कंपनियों से पॉलिसी बेचने की क्षमता भी प्रदान करेगा, जो मौजूदा एकल-एसोसिएशन कैप से एक महत्वपूर्ण प्रस्थान है।
- बीमा संशोधन विधेयक का प्रस्तावित रूप में संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया जाना भारतीय बीमा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस विधेयक के तहत कई बदलावों और सुधारों की योजना है, जो बीमा क्षेत्र को और अधिक आधुनिक, सुलभ, और दुनियाभर में प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।
- यह कदम सरकार के “2047 तक सभी के लिए बीमा” हासिल करने के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है, जिस पर हाल ही में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI ) के अध्यक्ष देबाशीष पांडा ने जोर दिया है।
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बीमा संशोधन विधेयक के मुख्य उद्देश्य और प्रावधान:
- 100% एफडीआई (FDI) की अनुमति: जैसा कि आपने उल्लेख किया, इस विधेयक में बीमा क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने का प्रावधान है। इसका उद्देश्य वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करना और भारतीय बीमा कंपनियों के लिए नई पूंजी और संसाधन लाना है। इससे कंपनियां अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकेंगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बीमा कवरेज की कमी है, जैसे ग्रामीण भारत और निम्न आय वाले वर्ग।
- नवीनतम प्रौद्योगिकी और डिजिटल समाधानों को बढ़ावा: विधेयक के अंतर्गत, बीमा कंपनियों को डिजिटल प्लेटफार्मों और तकनीकी नवाचारों का अधिकतम उपयोग करने की अनुमति होगी। इससे बीमा उत्पादों की सुलभता और पारदर्शिता में सुधार होगा, साथ ही माइक्रो बीमा और कम प्रीमियम वाले उत्पादों की पेशकश को बढ़ावा मिलेगा।
- उद्योग में प्रतिस्पर्धा का बढ़ना: विदेशी निवेशकों के आने से भारतीय बीमा कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इससे सेवा की गुणवत्ता और ग्राहक अनुभव में सुधार होगा, क्योंकि कंपनियाँ अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नए और बेहतर उत्पाद पेश करेंगी।
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नए खिलाड़ियों के साथ बीमा बाज़ार का विस्तार करना
बीमा कंपनियों के लिए वर्तमान FDI सीमा 74% है, बिचौलियों को पहले से ही आसान प्रतिबंधों का लाभ मिल रहा है। इस क्षेत्र में वर्तमान में 24 जीवन बीमा प्रदाता, 26 सामान्य बीमाकर्ता, छह स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ता और एक पुनर्बीमाकर्ता-सामान्य बीमा निगम शामिल हैं।
एफडीआई सीमा को 100% तक बढ़ाकर, सरकार का लक्ष्य पूंजी-प्रधान उद्योग में नीतियों को रेखांकित करने के लिए आवश्यक वित्तीय ताकत वाले नए खिलाड़ियों को आकर्षित करना है। इस उपाय से घरेलू भारी को पूरक बनाने की उम्मीद है.