health insurance आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बीमार पड़ना आम बात हो गई है। बढ़ते प्रदूषण, खराब खानपान और तनाव जैसी समस्याओं ने हमारे स्वास्थ्य को खराब कर दिया है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी हो जाता है। इससे बीमारियों के इलाज का बोझ कम हो जाता है। आइए जानते हैं कि आपको किस उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए और इसे लेते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बीमारियां हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गई हैं। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। इससे आपके लिए बेहतर इलाज के रास्ते खुलते हैं और उनका आपकी वित्तीय स्थिति पर कोई बोझ भी नहीं पड़ता। हेल्थ इंश्योरेंस में उम्र एक बड़ा फैक्टर रहती है। ऐसे में सवाल उठता है कि आपको किस उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए और इसे लेते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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हेल्थ इंश्योरेंस किस उम्र में लेना चाहिए ?
जितनी जल्दी आप हेल्थ इंश्योरेंस ले लेंगे, उतना ही बेहतर है। अगर आपके माता-पिता के पास कंपनी से मिलने वाला इंश्योरेंस है, तो आप उसका फायदा उठा सकते हैं। इसमें कई बार बच्चों का कवरेज भी शामिल होता है। अगर आपके पास पैरेंट्स के इंश्योरेंस का कवर नहीं है, तो आपको तुरंत हेल्थ इंश्योरेंस ले लेना चाहिए। 25 साल की उम्र के बाद तो आपके पास हर हाल में हेल्थ इंश्योरेंस होना चाहिए। क्योंकि उम्र के इस पड़ाव के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है।
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के फायदे कम उम्र में
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की उम्र बहुत मायने रखती है। अगर आप जवान हैं और स्वस्थ हैं, तो आपको इस पर कम खर्च करना होगा। कम उम्र के साथ मेडिकल हिस्ट्री क्लीन होने पर इंश्योरेंस का प्रीमियम काफी कम हो जाता है। वहीं, उम्र बढ़ने के साथ सेहत से जुड़ी दिक्कतें होने लगती हैं, जिससे प्रीमियम बढ़ जाता है।
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कम उम्र में पॉलिसी खरीदने पर अच्छा कवरेज मिलने की उम्मीद रहती है। कंपनियों को कम उम्र वाले ग्राहकों के लिए क्लेम की टेंशन काफी कम होती है। इसलिए वे युवा ग्राहकों को लुभाने के लिए कई बार शानदार कवरेज ऑफर करती हैं।
किन बातों का रखें ध्यान हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त
- कवरेज राशि: सुनिश्चित करें कि आपकी पॉलिसी आपके इलाज के खर्च को पूरा कर सके।
- प्रीमियम: प्रीमियम वह राशि है जो आपको सालाना देनी होती है। विभिन्न कंपनियां अलग-अलग प्रीमियम रेट्स ऑफर करती हैं।
- क्लेम सेटलमेंट रेशियो: यह बताता है कि कंपनी कितने दावों का भुगतान करती है। उच्च रेशियो बेहतर कंपनी का संकेत है।
- नेटवर्क हॉस्पिटल: सुनिश्चित करें कि आपकी पॉलिसी में आपके शहर के प्रमुख अस्पताल शामिल हैं।
- प्री-एक्सिस्टिंग बीमारियां: अपनी पॉलिसी की कवरेज की जांच करें यदि आपको पहले से कोई बीमारी है।