बहुत से छात्र जो विदेश में पढ़ाई करना चुनते हैं, उन छात्रों के ज़्यादातर परिवार उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण/Education Loan पर निर्भर रहते हैं।
विदेश मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं, वर्तमान में लगभग 1 करोड़ 33 लाख़ भारतीय छात्र विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
हालाँकि, जीवन अनिश्चित होता है। एक छात्र की असमय मृत्यु की दुखद घटना में, उनके परिवार को न केवल भावनात्मक क्षति से जूझना पड़ता है, बल्कि ऋण चुकाने का बोझ भी उठाना पड़ता है।
विदेश में पढ़ाई करने की आकांक्षा, जिसके लिए वर्षों के अथक प्रयास और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, एक विकसित राष्ट्र में समृद्ध करियर और जीवन की बेहतर गुणवत्ता का वादा भी है। नतीजतन, महत्वाकांक्षी भारतीय छात्रों की एक बड़ी संख्या विदेश में अपनी उच्च शिक्षा हासिल करने का लक्ष्य रखती है।
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इसे ध्यान में रखते हुए, विदेश में पढ़ाई की योजना बनाते समय छात्र के लिए जीवन बीमा का विकल्प चुनना समझदारी की बात है। यह तथ्य कि कोई व्यक्ति कम उम्र में अपेक्षाकृत कम प्रीमियम पर जीवन बीमा प्राप्त कर सकता है, छात्रों के लिए जीवन बीमा चुनने का एक और कारण है।
बढ़ते भू-राजनीतिक संघर्षों के कारण उनके सामने आने वाली चुनौतियाँ और भी बढ़ गई हैं, जैसे कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारतीय छात्रों को यूक्रेन से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इसके अतिरिक्त, विभिन्न देशों में पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल के खर्चों ने भी छात्रों पर एक महत्वपूर्ण बोझ डाला है। इन दिक्क्तों के बावजूद, विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की मुख्य आवश्यकताओं की पूर्ती करने के लिए तैयार की गई बीमा पॉलिसियों की कमी है। नतीजतन, बीमा कंपनियां अब इसे एक आशाजनक बाजार के अवसर के रूप में देख रही हैं।
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बीमाकंपनियों द्वारा पेश किए गए बीमा प्लान में अन्य विकल्पों के बीच, गंभीर बीमारियों का इलाज , लाइलाज बीमारियों का इलाज , असामयिक मृत्यु, असामयिक पूर्ण या स्थायी विकलांगता के लिए अतिरिक्त राइडर्स की खोज, मृत्यु से परे अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए कवरेज बढ़ा सकती हैं।
इसके अलावा, अंतिम खरीद निर्णय लेने से पहले क्लेम निपटान का अनुपात, कवरेज सीमा, भुगतान शर्तें और पॉलिसी शर्तों जैसे कारकों पर विचार अवश्य करें।